बच्चों, क्या आप जानते हो कि हम एक-दूसरे से अपने विचार कैसे साझा करते हैं? हम बोलकर अपनी बातें बताते हैं, और इसे ही भाषा कहते हैं।
आज हम भाषा, बोली, लिपि और व्याकरण के बारे में विस्तार से सीखेंगे।
भाषा, बोली, लिपि और व्याकरण सीखना बहुत जरूरी है क्योंकि इनसे हम अपनी भाषा को सही ढंग से समझते और प्रयोग करते हैं। भाषा के माध्यम से हम अपने विचार और बातें दूसरों तक पहुँचा सकते हैं। बोली हमें अपनी बात सरलता से कहने में मदद करती है। लिपि से हम पढ़ना और लिखना अच्छे से सीखते हैं। व्याकरण से हम भाषा के नियम सीखते हैं, जिससे हम सही वाक्य बना सकते हैं।
वह साधन जिसके द्वारा हम दूसरे लोगों तक अपने विचारों को पहुँचा सकते हैं और उनके विचारों को समझ सकते हैं, उसे भाषा कहते हैं 1।
1. मौखिक भाषा - भाषा का वह रूप जिसमें व्यक्ति अपने विचारों को बोलकर प्रकट करता है और दूसरा व्यक्ति सुनकर उसे समझता है। ’मौखिक भाषा’ कहलाती है।
जैसे - पढ़ाना, कहानी सुनाना, बातचीत, भाषण देना आदि l
2. लिखित भाषा - जब हम लिखकर अपनी बात दूसरों तक पहुँचाते हैं और दूसरा व्यक्ति पढ़कर उसे समझता है, तो यह भाषा का लिखित रूप कहलाता है।
जैसे - पत्र लिखना, कहानी लिखना, निबंध लिखना, छात्रों द्वारा अपनी कॉपी पर लिखना आदि l
3. सांकेतिक भाषा - सांकेतिक भाषा आपके हाथों, उँगलियों और चेहरे के हाव-भाव का उपयोग करते हुए बात करने का एक तरीका है l जो सुन या बोल नहीं सकते, वे हाथों के संकेत या इशारों से समझते हैं और उनके लिए सांकेतिक भाषा सीखना बहुत जरूरी है ताकि वे दूसरों से बात कर सकें और अपने आस-पास की दुनिया के बारे में जान सकें l
जैसे - ट्रैफिक पुलिस द्वारा ट्रैफिक संभालना और मूक-बधिरों द्वारा इशारों में बात करना l
एक छोटे क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा बोली कहलाती है l भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कुल 650 बोलियाँ बोली जाती हैं l
जिन चिह्नों द्वारा हम अपने भाव या विचार लिखकर प्रकट करते हैं, उन चिह्नों को लिपि कहते हैं।
जो भाषा को शुद्ध रूप से बोलना और लिखना सिखाता है, उसे व्याकरण कहा जाता है l
जैसे :- रेलगाड़ी चल रहा है। (अशुद्ध)
रेलगाड़ी चल रही है। (शुद्ध)
शब्दों और वाक्यों का शुद्ध रूप हमें व्याकरण से ही पता चलता है। व्याकरण का सही ज्ञान पाकर ही हम किसी भाषा को शुद्ध बोलना , समझना , पढ़ना और लिखना सीख सकते हैं। भाषा के प्रयोग में कोई गलती न हो इसीलिए व्याकरण का ज्ञान होना बहुत जरूरी है।
अधिक जानकारी के लिए यह वीडियो देखें |
Vid 1.2 : भाषा, बोली, लिपि और व्याकरण 2
Summary:
भाषा मन के भावों को प्रकट करने का साधन है।
भाषा के द्वारा दूसरों के मन की बात समझी जा सकती है।
भाषा के तीन रूप हैं - लिखित, मौखिक और सांकेतिक l
लिखने के लिए निर्धारित चिह्न को ही लिपि कहा जाता है।
भारत में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं।
Extension/Further Reading:
भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी है l देश के 77% लोग हिंदी बोलते और समझते हैं l
हिंदी भाषा के बारे में एक अच्छी बात यह भी है कि हिंदी के शब्द ठीक वैसे ही लिखे जाते हैं जैसे वे बोले जाते हैं। देश में हर पाँच में से एक व्यक्ति इंटरनेट हिंदी में चलाना पसंद करता है।
ब्रेल लिपि एक ऐसी लिपि है जिसका इस्तेमाल दृष्टिबाधित लोगों को पढ़ाने के लिए किया जाता है।
हिंदी भाषा सबसे सरल भाषा है l हिंदी बोलने और समझने वाले लोग पचास करोड़ से भी अधिक हैं l