पत्र लिखित भाषा का एक रूप है | वर्तमान समय में संचार के नए-नए साधनों के होने के बावजूद पत्र आज भी संचार का एक महत्वपूर्ण साधन है | इसके द्वारा हम दूर रहने वाले अपने मित्रों, रिश्तेदारों, प्रियजनों और अन्य लोगों तक अपनी बात पहुँचा सकते हैं 1 l
पत्र लेखन सीखना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हम अपने विचारों और भावनाओं को सही तरीके से लिखकर दूसरों तक पहुँचा सकते हैं। पत्र के माध्यम से हम अपने दोस्तों और परिवार से जुड़ सकते हैं और अपनी बात को अच्छे से व्यक्त कर सकते हैं। यह हमारे लिखने के कौशल को बढ़ाता है और हमें भाषा के सही प्रयोग का ज्ञान देता है।
पत्र की भाषा सरल और स्पष्ट हो l
पत्र अनावश्यक रूप से बड़ा न हो l
पत्र में लिखावट सुंदर व साफ़ होनी चाहिए l
यथासंभव संबोधन तथा अभिवादन शब्द लिखने चाहिए l
पत्र में नाम, पता, दिनांक और विषय की स्पष्टता साफ़ और सही होनी चाहिए l
जिसे पत्र भेजा जा रहा है, लिफ़ाफ़े पर उसका नाम, पूरा पता तथा पिनकोड नंबर लिखना चाहिए l
डाक टिकट लगाएँ l
लिफ़ाफ़े में दूसरी ओर भेजने वाले का नाम, पूरा पता तथा पिनकोड नंबर लिखना जरूरी होता है l
1. पत्र लेखन के दो प्रकार होते हैं -
a. अनौपचारिक पत्र - ऐसे पत्र प्रायः अपने मित्रों, प्रियजनों व सगे संबंधियों को लिखे जाते हैं l
जैसे - चाचा, मामा, भाई, दादा, आदि l
b. औपचारिक पत्र - ऐसे पत्र प्रायः उन लोगों को लिखे जाते हैं, जिनसे हमारी जान पहचान नहीं होती l
ये पत्र बहुत संक्षेप में लिखे जाते हैं l
जैसे - प्रधानाचार्य, मुख्याध्यापक, संपादक, पुस्तक विक्रेता आदि l
इस कक्षा में छात्रों को केवल अनौपचारिक पत्र लेखन के बारे में पढ़ाया जा रहा है l
अनौपचारिक पत्र का प्रारूप
अपना पता
________________ ,
________________ ,
________________ ,
________________ l
दिनांक
________________
प्रिय मित्र (नाम), / आदरणीय / पूजनीय पिताजी
सादर प्रणाम / सादर चरण स्पर्श |
भाग 1
मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ l आपके कुशलता की प्रार्थना भगवान से सदैव करता / करती हूँ l आपका पत्र मिला था / है l मैं उसी का जवाब लिख रहा / रही हूँ l बहुत दिनों से आपका समाचार नहीं मिला आप सभी कैसे हैं ?
भाग 2
1. प्रश्न का उत्तर जो पूछा गया है
2. कम से कम तीन या चार बातें
भाग 3
मेरी ओर से घर में सभी बड़ों को प्रणाम कहना और छोटो को मेरा प्यार देना l पत्र का उत्तर शीघ्र लिखना l
आपकी बेटी / आपका बेटा / तुम्हारा मित्र / तुम्हारी सखी
नाम
मित्र के जन्मदिन पर उसे बधाई देते हुए पत्र
डी -17, शांति धाम,
अन्नपूर्णा नगर, शिवाजी चौक,
मुंबई - 400001
23 जून, 20xx
प्रिय मित्र रवि,
नमस्ते |
रवि मित्र मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ और तुम्हारी तथा तुम्हारे परिवार की कुशलता की प्रार्थना भगवान से सदैव करता हूँ l आज ही मुझे तुम्हारा पत्र मिला है | यह जानकर खुशी हुई कि घर पर सब ठीक हैं।
9 मार्च, 20xx को तुम्हारा जन्मदिन है | उसके लिए मेरे और मेरे माता-पिता की ओर से तुम्हें बहुत-बहुत शुभकामनाएँ | ईश्वर करे, तुम अपने जीवन में हमेशा सफलता प्राप्त करते रहो |
अंकल और आंटी जी को मेरा प्रणाम और मिनी को प्यार देना |तुम्हारे पत्र के उत्तर की मैं प्रतीक्षा करूँगा |
तुम्हारा मित्र,
अमन
अपने मित्र द्वारा जन्मदिन पर भेजे गए उपहार के लिए धन्यवाद पत्र
डी-17, शांति धाम,
अन्नपूर्णा नगर, शिवाजी चौक,
मुंबई - 400001
23 दिसंबर, 20xx
प्रिय मित्र स्वप्निल,
नमस्ते |
प्रिय मित्र मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ और तुम्हारी तथा तुम्हारे परिवार की कुशलता की प्रार्थना भगवान से सदैव करता हूँ l आज ही मुझे तुम्हारा पत्र मिला है | यह जानकर खुशी हुई कि घर पर सब ठीक हैं।
आगे समाचार यह है कि मेरे जन्मदिन के अवसर पर तुमने जो प्यारा - सा उपहार भेजा, वह मुझे मिला । उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। तुम्हें याद है, बचपन में हम अपना जन्मदिन कैसे मनाते थे? थोड़े-थोड़े पैसे जमा करके स्कूल की कैंटीन में कक्षा के सभी दोस्तों को जन्मदिन की पार्टी दिया करते थे। उन दिनों पैसे भले ही कम थे किंतु खुशियाँ बहुत थी। हमें छोटी-छोटी चीज़ों से भी खुशी मिल जाती थी। पहले के समय में तथा अब के समय में बहुत अंतर है। चलो, कोई बात नहीं। हम अब भी खुश हैं |
इस बार की छुट्टियों में भी तुम ज़रूर आना और अपनी छोटी बहन रूही को भी साथ में लाना मत भूलना। माताजी व पिताजी को मेरा प्रणाम देना।
तुम्हारा मित्र,
अमन
अधिक जानकारी के लिए यह वीडियो देखें -
Vid 6.3 : पत्र लेखन 2
Summary:
जब हम पत्र लिखते हैं, तो हमें यह जानना आवश्यक है कि उन्हें विनम्र और सम्मानजनक तरीके से कैसे लिखा जाए। पत्र विभिन्न प्रकार के होते हैं|जैसे औपचारिक और अनौपचारिक|हमें प्रत्येक प्रकार के लिए नियमों को सीखने की आवश्यकता है। जब हम पत्र लिखते हैं तो ये नियम हमें सही शब्दों का उपयोग करने और विनम्र होने में मदद करते हैं।
Extension/Further Reading:
जब से मानव ने अपना विकास किया है तब से मानव ने आपस में एक-दूसरे से संवाद के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग करता आया है|प्राचीन समय में जब कागज़ का आविष्कार नहीं हुआ था |तब भी लोग एक-दूसरे से बात करने और संदेश पहुँचाने के लिए ताम्रपत्र, पत्ते आदि का उपयोग किया करते थे|तब से लेकर आज तक दुनिया कितनी बदल चुकी है आज की इस डिजिटल दुनिया में किसी को संदेश पहुँचाना जहाँ कुछ सेकंड का काम हो गया है |
वहीं पत्र लेखन को आज भी लोगों ने पूर्ण रूप से छोड़ा नहीं है|आज भी आप देखेंगे कि लोग पत्र व्यवहार के माध्यम से एक-दूसरे को बधाई, निमंत्रण, शिकायत, व्यवसाय आदि से संबंधित कार्य कर रहे हैं 3|